पूरा प्रयास किया जाता है कि जिनकी रचनायें /लेख/कहानी आदि मिले सभी को
अवसर दिया जाए ,पर कोई न कोई रह जाता है । कुछ तो निश्चित पृष्ठ संख्या
की बाध्यता और कुछ समय की सीमा । पत्रिका के पृष्ठों की निश्चित संख्या
है हालॉकि इस बार हमने पत्रिका के पृष्ठों की संख्या बढायी है । पत्रिका
के प्रेस में जाने से पहले सामग्री को फाइनल करने से पहले जिनकी रचनॉए आदि
आ गई ,उन पर विचार कर लिया जाता है । प्रेस में जाने के बाद हम चाहकर भी
नहीं ले सकतें हैं । जो मित्र /पाठक/रचनाकार फेसबुक पर
हैं हमारी मित्र मंडली में है अगर उनसे पावती की सूचना इसी के माध्यम से
मिल जाती है तो अच्छा है नहीं तो डाक वापस न आने पर हम समझतें हैं कि आपको
पत्रिका प्राप्त हो गई । कभी कभी ऐसा भी होता है कि पत्रिका आपको
प्राप्त भी नहीं हुई और हमारे पास वापस भी नहीं इसका मतलब रास्ते में
कहीं इधर उधर हो गयी । पत्रिका अगर हमारे पते पर वापस आ जाती है तो पता
कन्फर्म कर पुन: भेजी जाती है । पत्रिका सभी को बुक पोस्ट से भेजतें हैं ,
सदस्यों से जो शुल्क डाक खर्च सहित लिया जाता है उसमें बुक पोस्ट का
खर्च होता है ,मात्र रु० १०/- । पत्रिका की सदस्यता सम्बन्धी अधिक
जानकारी के लिए आप हमारे मेल आई डी - karunavati.sahity7@gmail.com अथवा
मोबाइल नं०- ७३७६१५००६२ पर सुबह १० से सांयकाल ५ बजे तक सम्पर्क कर सकतें
है ।
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